इससे पहले, पाठ्यक्रम कक्षा 10वीं से शुरू होता था। यह बदलाव छात्रों को अधिक समय देने का एक मौका देगा ताकि वे पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझ सकें और अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।
यूपी बोर्ड के इस नए प्रारूप के अनुसार, कक्षा 10वीं की परीक्षा अब औपचारिक रूप से आयोजित की जाएगी और इसमें छात्रों को उचित गाइडेंस दी जाएगी।